Feeds:
Posts
Comments

Archive for December, 2014


सुबह की रौशनी कहू, या चंदा की चांदनी कहू,

जीवन का उपहार कहू, या सपनो में भरा प्राण कहू,

कुदरत का आशीष कहू, भगवान् का वरदान कहू,

दिल का उत्साह कहू, या दिल में भरी उमंग कहू,

भंवरे की गूंजन कहू, या कोयल की कूक कहू,

घुंघरू की छम-छम कहू, या शंख की गूँज कहू.

मा का रूप कहू, या पिता का प्यार कहू,

जीवन का उपवन कहू या स्वर्ग का रूप कहू,

तेरे जीवन में होने से पूरे घर में उजास है,

तेरे होने से जिन्दगी में ख़ुशी का एहसास है,

महकता है घर का आँगन, हर दिल में उल्लास है|

जब भी हाथ उठे,

खुदा से………….

जब भी शीश झुके,

ईश से………….

तेरे लिए दुआ मांगु,

तू जिए हजारों साल,

साल में दिन हो पचास हज़ार|

लक्ष्मी हो चरणों की दासी,

सरस्वती भी मेहरबान,

दिन दूनी तुम प्रगति पाओ,

खुले भाग्य का द्वार|

मेरी है बस यही कामना,

प्रगति शिखर तुम चढ़ते जाओ,

आसमान भी बौना लगे,

इतनी ऊंचाई तुम पाओ,

हर मंजिल हो बस खड़ी सामने,

जैसे ही तुम कदम बढाओ,

अरमानो का बना के मंदिर,

जीवन का हर  सुख तुम पाओ|

Read Full Post »


image

हौसला

Read Full Post »


image

रिश्ते

Read Full Post »