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Archive for August, 2018


सन्नाटा

बादलों की घनघोर गर्जना,
पूरा वातावरण सहम गया,
फिर फटा बादल का हृदय,
रिम झिम, रिम झिम,
रिम झिम, रिम झिम,
फिर धीरे धीरे,
छप-छप,
छप-छप,
छप-छप,
छप-छप,
चुप, चुप,
चुप, चुप,
चुप, चुप,
चुप, चुप,
घनघोर सन्नाटा……

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बादल

बादल जो घिरे,
कई रंगों से भरे,
आपस मे मिले,
मिल कर कड़के,
किरणों से मिले,
सतरंगी आँचल लिए,
कल्पना के पटल पर,
हजारो रंग भर दिए,
आकाश में,
उन्मुक्त विचरते,
पवन के वेग संग,
आंनद में भरते,
हज़ारो बूंद बन,
धरती पर बिखरते,
नाचती कूदती बूंदों सी,
अठखेलिया करते,
मिल कर रेत संग,
उसके सीने में दफन होते,
हर एक के जीवन मे,
स्फूर्ति भरते,
रेत से नीचे जा,
धरती के हृदय में जा मिलते,
अमृत सम ऊपर आकर,
मानव की,
प्यास हरते।
या बादल बन,
फिर से,
रंग प्रकृति में भरते।

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बादल जो घिरे,
कई रंगों से भरे,
आपस मे मिले,
मिल कर कड़के,
किरणों से मिले,
सतरंगी आँचल लिए,
कल्पना के पटल पर,
हजारो रंग भर दिए,
आकाश में,
उन्मुक्त विचरते,
पवन के वेग संग,
आंनद में भरते,
हज़ारो बूंद बन,
धरती पर बिखरते,
नाचती कूदती बूंदों सी,
अठखेलिया करते,
मिल कर रेत संग,
उसके सीने में दफन होते,
हर एक के जीवन मे,
स्फूर्ति भरते,
रेत से नीचे जा,
धरती के हृदय में जा मिलते,
अमृत सम ऊपर आकर,
मानव की,
प्यास हरते।
या बादल बन,
फिर से,
रंग प्रकृति में भरते।

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दोस्ती


दोस्तो का बुरा हो,
और मेरा भला हो,
कह दिया भगवान से,
ये हमे मंजूर नही।
दोस्त तड़पे दर्द से,
और हम रहे खुशी में,
कह दिया जमाने से,
ये हमे मंजूर नही।
दोस्त की हो चाह,
वो मिल जाये हमे,
कह दिया किस्मत से,
सौगात ये मंजूर नही।
राह में बिछे कांटे दोस्त के,
हम को अगर दिखे नही,
ऐसी रोशनी के आलम,
ये हमे मंजूर नही।

सभी मित्रों को मित्रता दिवस की शुभकामनाएं॥

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