आओ सुनाऊ तुम्हे एक कहानी,
एक था राजा, एक थी रानी,
खूब किया खर्च, अब कम बचा पानी,
त्राहि चहु और, बस पानी ही पानी।
आओ सुनाऊ……
राजा था जिद्दी, पानी वेस्ट करता,
ना कहा सुनता, घंटो नाहता रहता,
राज्य में सुखा, सब कुओं का पानी,
खूब ढूंढा, पर ना मिले पानी,
पानी न मिलता, पानी ना बनता,
ये तो है, खुदा की मेहरबानी।
हर तरफ दंगे, बस चाहिए पानी,
पर पानी ना मिला, था खत्म अब पानी,
राजा था बेबस, बेबस थी वो रानी,
प्यास से आजिज, मर रहे प्राणी,
मर गया राजा, मर गई रानी,
रह गया अब तो बस आंख में पानी,
त्राहि चहु और, बस पानी ही पानी।
यही है हमारे फ्यूचर की कहानी,
सोचो थोड़ा सा, तुम चिंतन कर लो,
पानी का थोडा, संरक्षण कर लो,
कल न कहना, अब ना बचा पानी,
सुखद अंत से हो खत्म कहानी,
खुश रहे प्रजा, खुश राजा रानी।
आओ सुनाऊ तुम्हे एक कहानी…..
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