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Posts Tagged ‘साल’


नव ऊर्जा का संचार हो,
दुनिया ये गुलजार हो,
खुशियों की कलियां महके,
नव वर्ष का ये आगाज हो।

दुख के बादल छंट जाए,
आनंद की फुहार हो,
खुशबू महके सारे नभ में,
प्रदूषण का काम तमाम हो,
स्वच्छता की पौध लगाए,
स्वस्थता की बयार हो,
खुशियों की कलियां महके,
नव वर्ष का ये आगाज हो।

अच्छाई का संकल्प करें,
बुराई का नाम ना हो,
पर हित मे भी समय बिताए,
दुखी कोई इंसान ना हो,
निज पर शासन करे स्वयं हम,
अनुशासनमय संसार हो,
खुशियों की कलियां महके,
नव वर्ष का ये आगाज हो।

राष्ट्र प्रगति की राह चले,
भ्रष्टाचार का काम तमाम हो,
दुश्मन भी दोस्त बन जाये,
ऐसा हमारा अभियान हो,
कथनी करनी की समानता में,
ना कोई भी व्याधान हो,
खुशियों की कलियां महके,
नव वर्ष का ये आगाज हो।

हर बच्चे को शिक्षा मिले,
हर भूखे को भोजन हो,
हर नारी की हो सुरक्षा,
ना भ्रूण हत्या का नाम हो,
रिश्वतखोरी की चित्ता जलाये,
ना बेरोजगार इंसान हो,
खुशियों की कलियां महके,
नव वर्ष का ये आगाज हो।

कानून के हाथों में मजबूती,
अपराधों का निशान ना हो,
जनता के साथ न्याय करे,
सरकारों का अभियान हो,
स्वस्थ जीवन की मंगल कामना,
अस्पतालों के मंगल गान हो,
खुशियों की कलियां महके,
नव वर्ष का ये आगाज हो।

सूरज भी उगे सुनहरा,
शीतल चंदा का काम हो,
प्राण वायु में श्वास लेकर,
गुणवत्ता पूर्ण आहार हो,
धर्म कर्म की हो प्रबलता,
संत हर एक इंसान हो,
खुशियों की कलियां महके,
नव वर्ष का ये आगाज हो।

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भाव के गुलदस्ते से झलकता,
अप्रतिम प्यार हो तुम,
गुदगुदाती, खिलखिलाती,
ह्रदय की झंकार हो तुम,
शून्य सी पड़ी चेतना में,
प्राण का संचार हो तुम,
जिंदगी के वाद्य का,
अनछुआ सा तार हो तुम,
दे दिए सुर कई अनोखे,
सूक्ति का संचार हो तुम,
गीत जो लिखने चला था,
गीत का हर भाव हो तुम,
आँख बंद कर बैठे क्षण भर,
स्वपन का आभास हो तुम,
गर खुले आँखे स्वपन से,
तेज बन साकार हो तुम,
दीप भी तुम, बाती भी तुम,
लौ बन प्रज्ज्वलित होती,
अग्नि की आहुति हो तुम,
कुछ कहा सा, कुछ सुना सा,
कुछ गढ़ा सा, अनगढ़ा सा,
कुछ बुना सा, अनबुना सा,
कुछ सुखद सा, कुछ दुखद सा,
“भरत” अनुभूतियों में बसा ,
मेरा सारा संसार हो तुम।

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